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"मौसम
मन
और
मानव...
जाने कब
बदल जाए....!"
उसे क्या कहें
जिसे
अहंकार होता है
अपने
अहंकारी न होने का...!
कितना मुश्किल होता है
सपनों का सच होना
और उससे भी
कहीं अधिक मुश्किल होता है
सच हुए सपनों को
उसी स्थिति में
बचाए रखना,
ऐसे में
सच होने के पहले ही
सपनों का टूट जाना
अच्छा है
क्योंकि
सपनों के सच होने के पहले
उनके टूट जाने से
उतना दुःख नहीं होता
जितना सपनों के सच होकर
उनके टूट जाने से
होता है.....