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बुधवार, 27 फ़रवरी 2008

प्रतीक्षा

''कल की
प्रतीक्षा करते-करते
बीत गया जीवन
कितने आज
चले गए व्यर्थ
पर कल
कभी नहीं आया
और कभी
कल आया भी
तो आज बनकर...''

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