LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

गुरुवार, 6 मार्च 2008

अनिश्चित भविष्य

''भावी कल की
अनिश्चितताओं से
डरता रहा वर्तमान,
डर था कहीं
अनिश्चित भविष्य
कर न रहा हो उस पर संधान,
इसी डर से
वर्तमान ने
निश्चिंत जीवन जीना
छोड़दिया,
और एक दिन
किसी अदृश्य व्यथा की
मार से उसने
दम तोड़ दिया...''

कोई टिप्पणी नहीं: