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सोमवार, 25 फ़रवरी 2008

सार्थक उद्देश्य


आकाश के विस्तृत आँचल में
लिख देना चाहता हूँ
एक सुंदर सी कविता
जिसे पढ़ सके
दुनिया के सारे
लोग सिर्फ़ एक नजर उठाकर
और पढ़कर भूल जाए
अपने जीवन की सारी नीरसता
सारे बोझ,
खो जाए
ईश्वर की बनाई
इस सुंदर सृष्टी केकण-कण में व्याप्त
आनंद और
सौन्दर्य केअथाह सिंधु में,
और अंतत पा ले
अपने जीवन का
अनमोल मोती रूपी
सार्थक उद्देश्य...


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