''कल की
प्रतीक्षा करते-करते
बीत गया जीवन
कितने आज
चले गए व्यर्थ
पर कल
कभी नहीं आया
और कभी
कल आया भी
तो आज बनकर...''
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कल भी था ये सफ़र....आज भी है ये सफ़र....और....कल भी रहेगा ये सफ़र..क्योंकि..ये सफ़र है..............."रोशनी का सफ़र".
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें