
अनिश्चितताओं से
डरता रहा वर्तमान,
डर था कहीं
अनिश्चित भविष्य
कर न रहा हो उस पर संधान,
इसी डर से
वर्तमान ने
निश्चिंत जीवन जीना
छोड़दिया,
और एक दिन
किसी अदृश्य व्यथा की
मार से उसने
दम तोड़ दिया...''
कल भी था ये सफ़र....आज भी है ये सफ़र....और....कल भी रहेगा ये सफ़र..क्योंकि..ये सफ़र है..............."रोशनी का सफ़र".
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